बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 इतिहास बीए सेमेस्टर-3 इतिहाससरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-3 इतिहास
प्रश्न- ब्रिटिश कम्पनी की भारत में आर्थिक एवं शैक्षिक नीति की विवेचना कीजिए।
उत्तर-
ब्रिटिश कम्पनी व्यापारिक कम्पनी के रूप में स्थापित हुई थी किन्तु अधिक लाभ की चाहत के कारण ब्रिटिश कम्पनी ने धीरे-धीरे शासन व प्रशासन में हस्तक्षेप करना शुरू किया। बाद में कम्पनी ने व्यापार के साथ-साथ शासक व प्रशासक की भूमिका निभाई। प्रशासक के रूप में आर्थिक व शैक्षिक नीतियों का निर्माण करते समय इनकी सर्वोच्च प्राथमिकता व्यापारिक हित साधना थी।
शैक्षिक नीति - प्रारम्भ में ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने यह नहीं सोचा था कि भारतीयों को शिक्षा प्रदान करना उसका कर्तव्य है। इसने शिक्षा की पुरानी प्रणाली को जारी रखने की अनुमति दी। उच्च शिक्षा मुख्य रूप से उच्च जातियों तक ही सीमित थी। शिक्षा की इस प्रणाली को अंततः अंग्रेजों ने बदल दिया था।
19वीं शताब्दी की शुरुआत के आस-पास, कम्पनी को भारत में पश्चिमी शिक्षा शुरू करने की आवश्यकता के बारे में पता चला। हालांकि ईसाई मिशनरियों, जो शिक्षा के माध्यम से ईसाई धर्म का प्रसार करने में रुचि रखते थे ने पहले ही कई शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना की थी जो उनके चर्चों से जुड़े थे। 1
813 का चार्टर एक्ट - 1813 ई. के चार्टर अधिनियम ने कम्पनी को भारतीयों की शिक्षा पर एक लाख रुपये खर्च करने का निर्देश दिया। लेकिन निर्देश के माध्यम पर उग्र बहस के कारण भी इस अल्प राशि का उपयोग नहीं किया जा सका। प्राच्यविदों ने संस्कृत और शास्त्रीय भाषाओं के माध्यम से पारम्परिक भारतीय शिक्षा की वकालत की। दूसरी ओर पाश्चात्यविदों ने तर्क दिया कि पश्चिमी शिक्षा को अंग्रेजी माध्यम से लागू किया जाना चाहिए। गवर्नर जनरल की परिषद में पहले कानून सदस्य थामस मैकाले ने अंग्रेजी भाषा को पश्चिमी विचारों और आदर्शों में लोगों को शिक्षित करने के लिये एक उपकरण के रूप में बढ़ावा दिया। विलियम बेंटिंक ने मैकाले के विचारों का समर्थन किया। 1835 में सरकार ने एक अधिनियम पारित किया जिसमें घोषणा की गई अंग्रेजी के माध्यम से पश्चिमी शिक्षा प्रदान करने के लिये शैक्षिक धन का उपयोग किया जायेगा।
1844 ई. में, अंग्रेजी आधिकारिक भाषा बन गई और यह घोषित किया गया कि अंग्रेजी का ज्ञान रखने वाले लोगों को सार्वजनिक रोजगार के लिये पसन्द किया जायेगा। इससे भारत में अंग्रेजी शिक्षा के प्रसार में मदद मिली। 1854 में कम्पनी के नियन्त्रण बोर्ड के अध्यक्ष चार्ल्स वुड ने शैक्षिक पुनर्गठन की एक योजना बनाई। वुड्स डिस्पैच के माध्यम से सरकार ने 'प्राथमिक स्कूल से विश्वविद्यालय तक शिक्षा की एक उचित प्रणाली बनाने के अपने इरादे की घोषणा की।
चार्ल्स के वुड डिस्पैच के अनुसार 1857 ई. में कलकत्ता, बाम्बे और मद्रास में विश्वविद्यालय स्थापित किये गये। 1858 ई. में बंकिम चन्द्र चटर्जी कलकत्ता विश्वविद्यालय के प्रथम स्नातक बने। अंग्रेजों की तुलना में भारतीय श्रम बहुत सस्ता था। प्रशासन के सभी स्तरों पर अंग्रेजों को रोजगार देना महँगा व मुश्किल था। इन सबसे ऊपर एक विचार था कि एक वर्ग ऐसा बनाया जाए, जो रक्त और रंग में भारतीय हो, लेकिन विचार और बुद्धि से अंग्रेज हो। इसके अलावा पश्चिमी शिक्षा से भारत के लोगों को ब्रिटिश शासन से सामंजस्य स्थापित करने की अपेक्षा की गई क्योंकि इससे ब्रिटिश शासन का महिमामण्डन हुआ। पश्चिमी शिक्षा के भारतीय समाज पर सकारात्मक प्रभाव भी पड़े जो भारतीयों के लिये हितकारी सिद्ध हुए जिसकी अंग्रेजों ने कभी कल्पना नहीं की होगी। जॉन लाक, जेरेमी बेन्थम, एडम स्मिथ और वाल्टेयर जैसे दार्शनिकों के सिद्धान्त स्वतन्त्रता, समानता और लोकतन्त्र की धारणाओं में थे। ऐसे विचारों के सम्पर्क में आने के परिणामस्वरूप, भारतीयों ने बदलाव की आवश्यकता को पहचानना शुरू कर दिया। अंग्रेजी शिक्षा प्रणाली भारतीयों के लिये वरदान सिद्ध हुई। विभिन्न भाषा बोलने वाले विविध क्षेत्रों के भारतीय अब अंग्रेजी माध्यम में एक-दूसरे से संवाद कर सकते थे। इस प्रकार अंग्रेजी ने शिक्षित भारतीयों को एकजुट किया और उनके बीच एकता की भावना लाई। अंग्रेजी भाषा राष्ट्रवाद के विकास में सहायक सिद्ध हुई।
आर्थिक नीति - ब्रिटिश सरकार की आर्थिक नीति के कारण ब्रिटिश सत्ता आर्थिक एवं राजनीतिक रूप से मजबूत हुई परन्तु भारत पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ा क्योंकि ब्रिटिश की इन नीतियों के माध्यम से भारत में आर्थिक लूट के साथ-साथ सामाजिक शोषण भी किया जा रहा था। ब्रिटिश उपनिवेशवाद के विभिन्न चरण निम्नलिखित हैं
1. व्यापारिक पूँजीवाद का चरण ( 1797-1813 ई.) - ब्रिटिश द्वारा भारत में व्यापार के माध्यम से लूट को व्यापारिक पूँजीवाद चरण कहा गया। इस चरण में ईस्ट इण्डिया कम्पनी को भारत के व्यापार पर एकाधिकार प्राप्त करने के लिये पुर्तगाली, डच, फ्रांसीसी कम्पनियों से कई युद्ध लड़ने पड़े, जिसमें ब्रिटिश कम्पनी की जीत हुई और भारत के व्यापार पर एकाधिकार प्राप्त हुआ। ब्रिटिश का मुख्य उद्देश्य था कि राजनीतिक शक्ति प्राप्त करके ब्रिटिश सरकार के लिये ज्यादा से ज्यादा राजस्व प्राप्त किया जाए। भारत से कम से कम कीमत पर वस्तुओं को खरीदकर यूरोप में उन्हें अधिक से अधिक दाम पर बेचना था इस नीति के कारण धन का प्रवाह भारत से यूरोप की ओर होने लगा जिससे भारत निरन्तर निर्धनता का शिकार होता जा रहा था। भारत से कच्चे पदार्थों को कम दाम में खरीदकर उसे इंग्लैण्ड के उद्योगों में वस्तु में परिवर्तन कर पुनः वापस भारत में लाकर उसे ऊँचे दामों में बेचा जाता था।
2. औद्योगिक पूँजीवाद का चरण ( 1813 - 1858 ई.)- औद्योगिक पूँजीवाद का चरण कम्पनी के व्यापारिक एकाधिकार को समाप्त करने के बाद अपनाया गया। इस समय इंग्लैण्ड में बड़े पैमाने पर उद्योगों की स्थापना हो रही थी जिसके कारण इंग्लैण्ड में भारत से कच्चे पदार्थों का निर्यात होता था जिसके लिये भारत में ब्रिटिश द्वारा शोषणकारी नीतियों को लागू किया जाता था। साथ ही नये आविष्कार जैसे मशीनों की, यन्त्रों की इंजन पावर लूम आदि ने उद्योगों के विकास में मदद की। इंग्लैण्ड में निर्मित वस्तुओं के लिये बाजार की आवश्यकता थी, जिसके कारण भारत एक बहुत बड़े बाजार के रूप में उभरा। चार्टर एक्ट 1813 के कारण भारत में अब ब्रिटिश द्वारा मुक्त व्यापार की नीति को अपनाया गया इसके कारण अब कच्चे माल कम दाम में निर्यात एवं विनिर्मित वस्तुओं का अधिक दामों में आयात होने लगा। देश में अब खाद्यान्न फसलों की उत्पादकता में गिरावट एवं वाणिज्यिक फसलों को अधिक उगाया जाने लगा।
3. वित्तीय पूँजीवाद का चरण ( 1858-1947) ई. - 1857 ई. के विद्रोह के बाद ब्रिटेन ने अपनी नीतियों में कुछ परिवर्तन किये एवं अन्तर्राष्ट्रीय बाजार प्रतिस्पर्धा के कारण व्यापारिक एवं औद्योगिक पूँजीवाद के चरण से आगे बढ़कर वित्तीय पूँजीवाद के चरण को अपनाया। साम्राज्यवादी विस्तार से ब्रिटेन के पास अपार सम्पदा एकत्रित हो चुकी थी जिसके कारण ब्रिटिश को निवेश के लिये नये क्षेत्र की तलाश थी ब्रिटेन निवेशक अब बैंक बीमा क्षेत्र, वित्त बाजार, चाय, कॉफी, रबर के बागान, जूट उद्योग एवं जहाजरानी आदि में निवेश करने लगे। इस चरण के कारण भारत की अर्थव्यवस्था पर दुष्प्रभाव पड़ा साथ ही सार्वजनिक ऋण पर भारत को ब्याज भी देना पड़ा इन नीतियों के कारण भारतीय समाज में असन्तोष की भावना का विकास हुआ।
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- प्रश्न- भारत में सर्वप्रथम प्रवेश करने वाले विदेशी व्यापारी कौन थे? विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में डच शक्ति के आगमन को समझाते हुए डचों के पुर्तगालियों व अंग्रेजों से हुए संघर्षो पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत में पुर्तगालियों के पतन के कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- फ्रांसीसियों के भारत आगमन एवं भारत में फ्रांसीसी शक्ति के विस्तार को समझाइए।
- प्रश्न- यूरोपीय डच कम्पनी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अंग्रेजों का भारत में किस प्रकार प्रवेश हुआ संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- यूरोपीय फ्रांसीसी कंपनी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- पुर्तगालियों की सफलता के कारण बताइये।
- प्रश्न- पुर्तगालियों के असफलता के कारण बताइये।
- प्रश्न- आंग्ल-फ्रेंच संघर्ष के विषय में बताते हुए इसके मुख्य कारणों पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- "अपनी अन्तिम असफलता के बावजूद भी डूप्ले भारतीय इतिहास का एक प्रतिभावान एवं तेजस्वी व्यक्तित्व है।" क्या आप प्रो. पी. ई. राबर्ट्स के डूप्ले की उपलब्धियों के सम्बन्ध में इस कथन से सहमत हैं?
- प्रश्न- भारत में अंग्रेजों की सफलता के क्या कारण थे?.
- प्रश्न- ईस्ट इंडिया कम्पनी के अधीन भारत में हुए सामाजिक और आर्थिक अभावों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अंग्रेजी कम्पनी के अधीन भारत में सामाजिक एवं धार्मिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- "भारत में फ्राँसीसियों की असफलता का कारण डूप्ले था।' इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत में साम्राज्य स्थापित करने में अंग्रेजों की सफलता के कारण बताइये।
- प्रश्न- प्लासी के युद्ध के कारण व परिणामों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- बक्सर के युद्ध के कारण व परिणामों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कर्नाटक के युद्ध अंग्रेजों और फ्रांसीसियों की सदियों से परम्परागत शत्रुता का परिणाम थे, विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- द्वितीय कर्नाटक युद्ध के कारणों और परिणामों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- उन महत्त्वपूर्ण कारणों का उल्लेख कीजिए जिनसे भारत में प्रभुत्व स्थापना के संघर्ष में फ्रांसीसियों को पराजय और अंग्रेजों को सफलता मिली।
- प्रश्न- क्लाइव की द्वितीय गवर्नरी में उसके कार्यों की समीक्षा कीजिये।
- प्रश्न- क्लाइव द्वारा बंगाल में द्वैध शासन की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- भारत में लार्ड क्लाइव के कार्यों का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये।
- प्रश्न- "प्रथम अफगान युद्ध भारत के इतिहास में अंग्रेजों की सबसे गम्भीर भूल थी।' समीक्षात्मक मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में आंग्ल- फ्रांसीसी संघर्ष क्या था? इसके महत्त्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- द्वैध शासन व्यवस्था के गुण एवं दोषों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम आंग्ल-अफगान युद्ध के कारणों एवं परिणामों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- बंगाल के कठपुतली नवाबों के कार्यकाल पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- बंगाल के द्वैध शासन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- द्वैध शासन की असफलता के क्या कारण थे?
- प्रश्न- कालकोठरी की दुर्घटना क्या थी?
- प्रश्न- नवाब सिराजुद्दौला के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत में डच शक्ति के उत्थान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बक्सर का युद्ध (1764) तथा उसके महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लॉर्ड क्लाइव द्वारा किये गये सुधारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 'क्लाइव भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक था। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- इलाहाबाद की सन्धि की प्रमुख शर्तें क्या थीं?
- प्रश्न- प्लासी युद्ध के महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अलीनगर की सन्धि (सन् 1757 ई.) बताइये।
- प्रश्न- सिराजुद्दौला के विरुद्ध अंग्रेजों के मीर जाफर के साथ षड्यंत्र को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्लासी के युद्ध (सन् 1757 ई.) के परिणाम बताइये।
- प्रश्न- राबर्ट क्लाइव के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- बक्सर के युद्ध का महत्त्व बताइये।
- प्रश्न- बंगाल में द्वैध शासन का संक्षिप्त वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- कालकोठरी की दुर्घटना क्या थी?
- प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के सुधारों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वॉरेन हेस्टिंग्ज के अधीन विदेशी सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- 1773 के रेग्युलेटिंग ऐक्ट के गुण-दोष क्या थे?
- प्रश्न- हैदर अली के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रथम आंग्ल मराठा युद्ध के कारणों एवं परिणामों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वॉरेन हेस्टिंग्ज के प्रशासनिक एवं राजस्व सुधारों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के समय नन्दकुमार का क्या मामला था?
- प्रश्न- मराठों के पतन के क्या कारण थे?
- प्रश्न- पानीपत के युद्ध की प्रमुख घटनाएँ क्या थीं?
- प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के समय अवध की बेगमों का क्या मामला था?
- प्रश्न- लार्ड कॉर्नवालिस के सुधारों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- बंगाल की स्थायी भूमि कर व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कार्नवालिस ने वॉरेन हेस्टिंग्ज का कार्य पूर्ण किया। विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- तृतीय मैसूर युद्ध के क्या कारण थे?
- प्रश्न- भूमि कर नीति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- एक साम्राज्य निर्माता के रूप में वेलेजली की भूमिका का मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- टीपू और वेलेजली के मध्य चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध की कारणों सहित व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- लार्ड वेलेजली की सहायक सन्धि प्रणाली को समझाते हुए उसके गुण-दोषों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वेलेजली तथा फ्रांसीसियों के बीच सम्बन्धों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- टीपू सुल्तान की पराजय के कारण बताइए।
- प्रश्न- वेलेजली के अधीन अंग्रेजी साम्राज्य के विस्तार एवं कंपनी के प्रदेश की सीमाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- लार्ड वेलेजली के आगमन के समय भारत की राजनीतिक स्थितियाँ क्या थीं?
- प्रश्न- वेलेजली की सहायक सन्धि की शर्तें क्या थीं?
- प्रश्न- वेलेजली के अवध के साथ सम्बन्ध पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वेलेजली की उपलब्धियों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- ठगी को समाप्त करने के लिए लार्ड विलियम बैंटिक ने कहां तक सफलता प्राप्त की?
- प्रश्न- ब्रिटिश कम्पनी की भारत में आर्थिक एवं शैक्षिक नीति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लॉर्ड विलियम बेंटिक के प्रशासनिक एवं सामाजिक सुधारों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- लार्ड विलियम बैंटिक ने सती प्रथा तथा अन्य क्रूर प्रथाओं को बन्द करने की क्या नीति अपनाई? संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विलियम बैंटिक के समाचार पत्रों के प्रति उदार नीति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विलियम बैंटिक के द्वारा नैतिक तथा बौद्धिक विकास के लिए किये गये शैक्षणिक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बैंटिक के वित्तीय तथा न्यायिक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- लार्ड विलियम बैंटिक के प्रशासनिक एवं न्यायिक सुधारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ब्रिटिश भारत में स्त्रियों की स्थिति का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत पर ब्रिटिश शासन के सामाजिक प्रभाव का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- अंग्रेजों द्वारा पारित सामाजिक कानून पर निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- 1833 के चार्टर एक्ट पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- लार्ड डलहौजी की 'हड़पनीति से आप क्या समझते हैं? इस नीति से ब्रिटिश साम्राज्यवाद को कैसे प्रोत्साहन मिला?
- प्रश्न- - डलहौजी के द्वारा किए गए रचनात्मक कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लार्ड डलहौजी द्वारा विद्युत तार एवं डाक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- लार्ड डलहौजी द्वारा रेलवे विभाग में क्या सुधार किये गये?
- प्रश्न- लार्ड डलहौजी के प्रशासनिक एवं सैनिक सुधारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारत के आधुनिकीकरण में लार्ड डलहौजी का योगदान क्या था?
- प्रश्न- लार्ड डलहौजी को शिक्षा सम्बन्धी सुधारों में कहां तक सफलता प्राप्त हुई? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 1853 के चार्टर एक्ट पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- रणजीत सिंह का परिचय देते हुए अफगानों एवं अंग्रेजों के साथ सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अंग्रेजों और सिक्खों के प्रथम युद्ध के कारण व प्रसिद्ध घटनाओं और परिणामों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- रणजीत सिंह का डोंगरों और नेपालियों से सम्बन्ध को संक्षिप्त में समझाइये |
- प्रश्न- रणजीत सिंह के प्रशासन के अंतर्गत भूमिकर एवं न्याय प्रशासन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- रणजीत सिंह ने सैनिक प्रशासन में कहाँ तक सफलता प्राप्त की? संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिक्खों और अंग्रेजों के सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- हैदराबाद के एक राज्य के रूप में उदय की परिस्थितियों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- हैदराबाद अकस्मात ही विघटनकारी शक्तियों का शिकार हो गया था, विवेचनात्मक उत्तर दीजिये।
- प्रश्न- 1724-1802 तक की हैदराबाद की राजनीतिक गतिविधियों का अवलोकन कीजिये।
- प्रश्न- टीपू की शासन प्रणाली का सविस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मैसूर राज्य का विस्तृत अध्ययन कीजिए।
- प्रश्न- एंग्लो-मैसूर युद्धों का समीक्षात्मक अध्ययन कीजिये।
- प्रश्न- टीपू सुल्तान और मैसूर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- मैसूर व इतिहास लेखन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- 18वीं सदी में, मैसूर की स्थिति से संक्षिप्त रूप से परिचित कराइये।
- प्रश्न- 1399 ईस्वी से अठारहवीं सदी के मध्य मैसूर राज्य की स्थिति से अवगत कराइये।
- प्रश्न- स्थायी बंदोबस्त से क्या आशय है? लार्ड कार्नवालिस द्वारा स्थायी बंदोबस्त लागू करने के क्या कारण थे?
- प्रश्न- ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर भिन्न-भिन्न कर प्रणाली लगाने का क्या उद्देश्य रहा?
- प्रश्न- स्थायी बंदोबस्त ने किस प्रकार जमींदारी व्यवस्था को जन्म दिया?
- प्रश्न- भारतीय पुनर्जागरण के कारणों, परिणामों एवं विशिष्टताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 19वीं शताब्दी के प्रमुख सामाजिक-धार्मिक आन्दोलनों को बताइये।
- प्रश्न- क्या राजा राममोहन राय को 'आधुनिक भारत का पिता' कहना उचित है?
- प्रश्न- भारतीय सामाजिक तथा धार्मिक पुनर्जागरण में आर्य समाज की देनों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- ब्रह्म समाज के प्रमुख सिद्धान्तों व कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत के सामाजिक-धार्मिक पुनरुत्थान में स्वामी विवेकानन्द के योगदान का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- 19-20वीं सदी के जातिवाद विरोधी आंदोलनों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अहिंसा और सत्याग्रह पर गाँधी जी के विचारों का मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- रामकृष्ण परमहंस पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- अछूतोद्धार हेतु भीमराव अम्बेडकर के किए गये कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक भारत में महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- एक शासक के रूप में अशोक के महत्व का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- अस्पृश्यता से आप क्या समझते हैं? इसकी समस्याओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय पुनर्जागरण का क्या अर्थ है?
- प्रश्न- ब्रह्म समाज से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- प्रार्थना समाज ने समाज सुधार की दिशा में क्या कार्य किए?
- प्रश्न- ईश्वर चन्द्र विद्यासागर के समाज सुधार में किए गए कार्यों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आर्य समाज की मुख्य शिक्षाएँ व समाज सुधार में किए गए योगदान का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- थियोसोफिकल सोसाइटी पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- स्वामी विवेकानन्द के सामाजिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में 19वीं सदी में हुए विभिन्न सुधारवादी आन्दोलनों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
- प्रश्न- अश्पृश्यता निवारण के लिए महात्मा गाँधी की सेवाओं का मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- 20वीं सदी में हुए प्रमुख सामाजिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समाजवाद पर नेहरू के विचारों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक काल में जाति प्रथा पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय समाज पर पड़े दो पाश्चात्य प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- नाविक विद्रोह 1946 का महत्व स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- स्वदेशी विचार के विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- होमरूल से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- साम्प्रदायिक निर्णय 1932 ई. की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- दाण्डी यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- श्री अरविन्द घोष के जीवन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- रामकृष्ण मिशन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चैतन्य महाप्रभु पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- 'पुरुषार्थ आश्रमों के मनोनैतिक आधार हैं। टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- उन्नीसवीं सदीं में सामाजिक जागरण के क्या कारण थे?